चनाट रामभाठा में आस्था का केंद्र: 10 वर्षों से निरंतर जल रही है दुर्गा भक्ति की ज्योत

चनाट रामभाठा में आस्था का केंद्र: 10 वर्षों से निरंतर जल रही है दुर्गा भक्ति की ज्योत
चनाट रामभाठा (छ.ग.): अंचल में धार्मिक श्रद्धा और आस्था का केंद्र बने चनाट रामभाठा में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी ग्रामीणों द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर नवरात्रि पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। पिछले लगातार 10 वर्षों से यहां माता दुर्गा विराजमान होती हैं और ग्रामीण पूरी निष्ठा के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं, जिसका विसर्जन दशहरा के अगले दिन होता है।
ग्रामीण आस्था का अटूट केंद्र
चनाट रामभाठा में माता दुर्गा की यह प्रतिमा लगभग एक दशक पूर्व स्थापित की गई थी। तब से लेकर अब तक, नवदुर्गा पर्व के दौरान यहां निरंतर पूजा-अर्चना और हवन का भव्य आयोजन किया जाता है। यह स्थान न केवल चनाट रामभाठा, बल्कि आसपास के गांवों के लोगों के लिए भी श्रद्धा का केंद्र बन चुका है। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन माता के दर्शन और पूजन के लिए यहां पहुंचते हैं।
संध्या आरती का विशेष महत्व
इस दौरान विशेषकर संध्या आरती का समय पूरे मंदिर स्थान को धार्मिकता से भर देता है। घंटे-घड़ियाल की ध्वनि और जयकारों के बीच भक्तगण माता के चरणों में पुष्प, नारियल और प्रसाद अर्पित करते हैं। स्थानीय ग्रामीणों का दृढ़ विश्वास है कि नियमित संध्या आरती से पूरे गांव में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती हैं,भक्तों की भावनाएं माता से गहराई से जुड़ी हैं। वे बताते हैं कि मां दुर्गा के दरबार में आने से उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। नवरात्र के 9 दिनों तक चलने वाली संध्या आरती, ग्रामीणों की धार्मिक दिनचर्या का एक अहम हिस्सा बन जाती है। इस प्रकार, चनाट रामभाठा में यह आयोजन न केवल एक पर्व है, बल्कि सामुदायिक आस्था और समर्पण का प्रतीक भी है।




