छत्तीसगढ़

बसना – डोंगरीपाली की झंडी गुफा: जहाँ 5000 साल से विशालकाय सर्प कर रहा है पांडवों के अस्त्र-शस्त्रों एवं आभूषणों की रक्षा!

महासमुंद के झंडी जंगल की रहस्यमय गुफा: क्या आज भी पांडवों के अस्त्र-शस्त्र हैं सुरक्षित?

छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ का महासमुंद जिला न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि कई ऐसे अनसुलझे रहस्यों को भी समेटे हुए है, जिनका संबंध सीधा महाभारत काल से बताया जाता है। ऐसा ही एक रहस्य बसना ब्लॉक के ग्राम पंचायत ढालम के आश्रित ग्राम डोंगरीपाली में स्थित झंडी(डोंगर) जंगल में है।
स्थानीय लोककथाओं के अनुसार, इस जंगल की चोटी पर स्थित एक गुफा में आज भी पांडवों के अस्त्र-शस्त्र सुरक्षित रखे हुए हैं।

गुफा का रहस्य और विशालकाय सर्प की सुरक्षा

यह मान्यता है कि लगभग 5000 वर्ष पहले वनवास के दौरान पांडवों ने इस क्षेत्र में समय बिताया था। गुफा के पास ही जंगल उपर एक पंडेवा नामक समतल स्थान है, जिसे लेकर कहा जाता है कि पांडवों ने यहीं पर अपनी कुटिया बनाकर निवास किया था,इसीलिए इस स्थान का नाम पंडेवा पड़ा। वे अपने सभी अस्त्र-शस्त्र पास की इस रहस्यमय गुफा में रखा करते थे।
सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि स्थानीय लोगों का विश्वास है कि इन अस्त्र-शस्त्रों की रक्षा एक विशालकाय सर्प करता है, जिसके कारण आज भी कोई भी व्यक्ति इस गुफा के भीतर जाने का साहस नहीं कर पाता है।

12 बैगा की कहानी: जब निकली थी एक तलवार

हालांकि, वर्षों पहले एक स्थानीय व्यक्ति के गुफा में जाने और शस्त्रों को देखने की कहानी आज भी लोगों की जुबान पर है। कहा जाता है कि बारा बैगा नामक एक व्यक्ति ने किसी तरह गुफा के अंदर प्रवेश किया था। उसने बाहर निकलकर स्थानीय लोगों को एक तलवार,सोने की थाल,लोगो को दिखाई, और बताया कि अंदर धनुष, गदा, ढाल, भाला और अन्य कई अस्त्र-शस्त्र के साथ साथ यज्ञ कुंड, तालाब कुंड,तुलसी चौरा,साथ ही साथ कई वस्तुओं सहित आभूषण भी मौजूद हैं, लेकिन उन्हें बाहर लाना लगभग असंभव है,क्योंकि विशालकाय सर्प इस गुफा की रक्षा करता है, इस घटना के बाद, गुफा के रहस्य और महत्व को और बल मिला।

आस्था और पूजा का केंद्र

यह गुफा और इससे जुड़ी किंवदंतियाँ स्थानीय लोगों की गहरी आस्था का केंद्र हैं। हर वर्ष, शरद पूर्णिमा के दिन, ग्रामीण गुफा के बाहर पूजा-अर्चना करते हैं। यह पूजा न केवल पांडवों को समर्पित होती है, बल्कि जंगल और उसके रहस्यों के प्रति उनके सम्मान को भी दर्शाती है।

इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र

झंडी जंगल की यह गुफा और पंडेवा नामक स्थान इतिहास और पौराणिक कथाओं में रुचि रखने वालों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन सकता है। हालांकि, इस कहानी की ऐतिहासिक सत्यता की पुष्टि के लिए पुरातात्विक सर्वेक्षण और गहन शोध की आवश्यकता है।
सवाल यह है कि क्या ये किंवदंतियाँ केवल लोककथाएं हैं, या महासमुंद का यह शांत जंगल वास्तव में महाभारत काल के एक अमूल्य पुरातात्विक खजाने को अपने भीतर छिपाए हुए है?

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