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उड़ीसा – जानिए पूरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर के रहस्य: जिससे विज्ञान भी है हैरान।

यह सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक ऐसा स्थान है जहाँ विज्ञान भी कई बातों का जवाब नहीं दे पाता है

ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ का मंदिर अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए है। यह सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक ऐसा स्थान है जहाँ विज्ञान भी कई बातों का जवाब नहीं दे पाता है। इस मंदिर की बनावट, परंपराएं और यहाँ होने वाली घटनाएं आज भी वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को हैरत में डालती हैं।
हवा के विपरीत लहराता झंडा
मंदिर के शिखर पर लगा झंडा हमेशा हवा की दिशा के विपरीत लहराता है। यह एक ऐसा रहस्य है जिसे आज तक कोई नहीं सुलझा पाया। सामान्य भौतिकी के नियमों के अनुसार, झंडा हमेशा हवा की दिशा में लहराना चाहिए, लेकिन यहाँ ऐसा नहीं होता।
अदृश्य शिखर
पुरी शहर में कहीं से भी मंदिर के मुख्य शिखर को देखने की कोशिश करें, तो आप पाएंगे कि यह हमेशा अदृश्य रहता है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर की बनावट इस तरह से की गई है कि इसका शिखर पूरी तरह से दिखाई नहीं देता, जो एक स्थापत्य का चमत्कार है।
गोपुरम पर नहीं बैठते पक्षी
जगन्नाथ मंदिर के ऊपर से कोई भी पक्षी या विमान नहीं उड़ता है। मंदिर के गोपुरम (मुख्य द्वार) पर भी कोई पक्षी नहीं बैठता। यह एक अजीबोगरीब बात है, क्योंकि आमतौर पर मंदिरों के शिखर और गोपुरम पर पक्षी बैठे हुए दिखते हैं।
दिन के समय भी नहीं बनती छाया
मंदिर के मुख्य शिखर की परछाई दिन के किसी भी समय नहीं दिखती है। यह एक और रहस्य है, क्योंकि सामान्य रूप से हर चीज की परछाई बनती है। मंदिर की स्थापत्य कला इस तरह से है कि यह दिन के दौरान अपनी छाया नहीं बनाता।
समुद्र की लहरों का शोर
मंदिर के सिंह द्वार से अंदर प्रवेश करते ही समुद्र की लहरों का शोर पूरी तरह से गायब हो जाता है। जैसे ही आप मंदिर के बाहर कदम रखते हैं, समुद्र की आवाज फिर से सुनाई देने लगती है। यह घटना भी वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली बनी हुई है।
प्रसाद का रहस्यमयी प्रबंधन
मंदिर में रोजाना लाखों भक्तों के लिए प्रसाद बनता है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि आज तक कभी भी प्रसाद कम नहीं पड़ा और न ही कभी बर्बाद हुआ। चाहे भक्त हजारों में हों या लाखों में, प्रसाद हमेशा पर्याप्त मात्रा में होता है। इसे बनाने की प्रक्रिया भी अनोखी है। प्रसाद को मिट्टी के बर्तनों में और एक के ऊपर एक रखकर पकाया जाता है, जिसमें सबसे ऊपर रखा हुआ बर्तन पहले पकता है।
यह मंदिर न केवल एक धार्मिक केंद्र है, बल्कि अपने आप में एक अद्भुत और रहस्यमयी जगह है, जो आज भी विज्ञान को चुनौती देती है। इन रहस्यों को सुलझाने के लिए शोध जारी हैं, लेकिन ये अभी भी आस्था और चमत्कार के प्रतीक बने हुए हैं।

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